बुढ़ेरा में पुलिस ने बदला ट्रेक्टर, जांच को पहुंचे एएसपी
बुढ़ेरा थाने से टैक्टर बदले जाने का मामला सुर्खियों में-
जांच के दौरान थाना प्रभारी के न हटने से जांच प्रभावित होने की आशंका, थाना पहुंचे एएसपी
टीकमगढ़। जांच के दौरान भी थाना प्रभारी बुढ़ेरा को न हटाए जाने से लोगों में जांच प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है। कदाचित यह पहला अवसर है जब किसी मामले की जांच के दौरान संबंधित थाना प्रभारी को वहीं पदस्थ रखा गया है। यहां बता दें कि पूर्व में शिकायतों के बाद भी कार्रवाई न होने से पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाए जाते रहे हैं। विधायक यादवेन्द्र सिंह ने दो लोगों की मौत के मामले में निष्पक्ष जांच किए जाने पर जोर दिया था, जिस पर यहां जांच में गति आती दिखाई दे रही है। इस संबन्ध में एएसपी सीताराम ससत्या ने इतना जरूर कहा कि वह जांच के सिलसिले में बुड़ेरा गए थे, लेकिन उन्होंने आगे कुछ भी कहने से इंकार किया है। उन्होनें कहा कि जांच गोपनीय होती है। फिलहाल कुछ भी कह पाना संभव नहीं है। यहां जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में कुछ दिन पूर्व भी इसी तरह के एक मामले में सागर पुलिस अधीक्षक ने तत्काल एक्शन लेते हुए कार्रवाई की। अब यहां जांच के दौरान भी थाना प्रभारी के संबन्धित थाना में पदस्थ होने से जांच प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। मामला जो भी हो, जांच में गति आने से ग्रामीणों को जरूर कार्रवाई की उम्मीद जगी है। लोगों ने विधायक यादवेन्द्र सिंह एवं पुलिस  अधीक्षक रोहित काशबानी व एएसपी श्री ससत्या के प्रति आभार जताया है। बताया गया है कि थाना बुड़ेरा अंतर्गत दो लोगों को मौत के घाट उतारे वाला बदले जाने के मामले में  बाद भी थाने से की गई आरोपियों को बचाने की कार्रवाई चर्चाओं में बनी हुई है। इसी प्रकार के मामले में सागर जिले में हुई कार्रवाई से सबक लेते हुए तत्काल कार्रवाई किए जाने पर जोर दिया गया है। इस संबन्ध में स्थानीय विधायक यादवेन्द्र सिंह ने संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक से लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई किए जाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि अपने कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से जनता का विश्वास कम होता है। इसी तरह के मामले में सागर जिले में तत्काल कार्रवाई की गई, जिसकी सराहना की जा रही है, जबकि यहां कई दिन बीतने के बाद भी अब तक कार्रवाई नहीं की गई है। जिसको लेकर सवाल उठाए जाने लगे हैं। विधायक की मांग पर पुलिस अधीक्षक रोहित काशबानी ने संज्ञान लेते हुए तत्काल जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा है। इस सिलसिले में एएसपी एसआर ससत्या शुक्रवार को थाना बुड़ेरा पहुंचे और पड़ताल की। हालांकि यहां कोई ट्रेक्टर नजर नहीं आया, जिस पर अटकलों का बाजार गर्मा गयाप है। अब ट्रेक्टर कहांं गया है, यह कहना पाना मुश्किल है। बताया गया है कि थाना बुड़ेरा में दो लोगों को मौत के घाट उतारने वाले ट्रेक्टर को बदलकर दूसरा ट्रेक्टर दर्शाए जाने का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। इस संबन्ध में प्रकाशित समाचारों पर संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक रोहित काशबानी ने जांच के आदेश कर निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। कहा गया है कि इस मामले की जांच पुलिस अधीक्षक श्री काशबानी द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीताराम ससत्या को सौंपी गई है। स्थानीय विधायक श्री सिह ने भी मामले पर संज्ञान लेते हुए मृतिकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए इस मामले में न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है, साथ ही उन्होंने पुलिस अधीक्षक से इस संबन्ध में शीघ्र ही निष्पक्ष कार्रवाई किए जाने पर जोर दिया है। कहा जा रहा है कि जिस ट्रेक्टर से हादसा हुआ था, पुलिस ने उस ट्रेक्टर को ही छोडक़र उसके स्थान पर दूसरा ट्रेक्टर दर्शाया है। इस संबन्ध में जारी समाचारों में कहा गया है कि बुड़ेरा थाना क्षेत्र के लमेरा गांव में बीते दिनों हुई दो लोगों की मौत के चलते मृतक के स्वजन गमगीन बने हुए हैं, लेकिन ट्रैक्टर-ट्राला से एक घटना में दो लोगों की मौत के बाद अब पुलिस ने खेला कर दिया है। इंवायरो इंफ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड दिल्ली के अधिकारियों और बुडेरा थाना पुलिस की लगातार चलीं बैठकों के दौरान बीती 17 फरवरी को बात तय हुई और फिर घटना में शामिल पावर ट्रेक कंपनी के ट्रैक्टर की जगह सोनालिका कंपनी का ट्रैक्टर इस घटना में दर्शाया गया है। खास बात यह है कि घटना में शामिल ट्रैक्टर का बीमा नहीं था, जिससे कंपनी को क्षति झेलनी पड़ती। लेकिन यहां पुलिस कंपनी की मददगार बनती हुई देखी गई और पूरे घटनाक्रम में ट्रैक्टर बदल दिया गया है।

जल्दी सौंपी जाएगी जांच रिपोर्ट-एएसपी-
घटना में शामिल ट्रैक्टर जल गया था, जिसको बदलने के लिए कंपनी के अधिकारियों ने काफी मेहनत की, तो पुलिस ने मेहनत करके भरपूर सहयोग किया। इसमें 17 फ रवरी को एफ आइआर दर्ज होने के पहले दूसरा ट्रैक्टर क्षतिग्रस्त करके थाना परिसर में लाया गया। करीब 27 फ रवरी तक दोनों ही ट्रैक्टर थाना परिसर में रखे रहे, लेकिन जैसे ही मामला थोड़ा ठंडा हुआ और पुलिस ने यह भांप लिया कि अब इसमें परिसर में रखने के बाद फिर इस घटना में शामिल ट्रैक्टर को बदलने के लिए पुलिस व कंपनी के अधिकारियों के बीच मंत्रणा शुरू हुई और 17 फरवरी को मामले को एफ आइआर दर्ज होने से पहले ट्रैक्टर को बदल दिया। आश्चर्य की बात यह है कि यहां लगे केमरे खंगाले जाने और जांच के दौरान प्रभारी के जमे रहने को लेकर चर्चाओं का दौर जारी बना हुआ है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में भी पूर्व की तरह क्लीन चिट मिल जाए, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। एएसपी श्री ससत्या ने कहा है कि जांच रिपोर्ट तैयार होते ही सौंप दी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि अब छोड़ा गया ट्रेक्टर वापस लाकर मामले को सुलटाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन सीसीटीवी फुटेज की सच्चाई पर पर्दा कैसे डलेगा।