सात फेरों के सातों वचन, दुल्हनिया भूल न जाना....

*शिवधाम  कुंडेश्वर में गूंजी शहनाईयां और गाए गए मंगल गीत-*

*बाबुल का घर छोड़ के बेटी पिया के घर चली, ये कैसी घड़ी आई है, मिलन है,
जुदाई है...*

टीकमगढ़। जब तक पूरे न हों फेरे सात, तब तक दुल्हन नहीं दूल्हा की...। जहां भांवर के दौरान गा गया, तो वहीं विदाई की बेला में माहौल गमगीन हो चला। बी-क्लब की महिलाएं भी नम आंखें लिए बेटियों की विदाई में जुटी रहीं। बेटियों के भाग्य देखिए कि उनकी शादी में समाजसेवी महिलाओं से लेकर नगर के अधिकांश  सभ्रांत नागरिक मौजूद रहे। शिवधाम कुंडेश्वर में भगवान शिव का आशीर्वाद मिला, तो वहीं सैकड़ों लोगों का आशीर्वाद मिला। यहां यह शादी समारोह वी-क्लब की अध्यक्ष रूचि राजा परमार सहित अन्य पदाधिकारियों एवं सदस्यों के सहयोग से आयोजित किया गया। कुंडेश्वर तीर्थ स्थली में वी-क्लब द्वारा पांच बेटियों के विवाह संपन्न कराए गए। हिन्दू रीति रिवाज से संपन्न हुए इस विवाह में कई गरीब परिवार की बेटियां शामिल रहीं। वहीं एक ऐसी बेटी का भी विवाह किया गया, जो यहां रूसिया मंडपम में पली और बढ़ी हुई। सामूहिक विवाह सम्मेलन में वर-वधु के परिवार सहित अनेक सम्बंधीजन भी मौजूद रहे। यह जानकारी देते हुए वी-क्लब की अध्यक्ष रूचि राजा परिमार ने बताया कि सचिव रश्मि निरंजन, शिवानी खेबरिया, सुजाता जैन सहित अनेक महिला सदस्यों ने पांच बेटियों के विवाह संपन्न कराए।

*सजे मंडप और निकाली बारात-*

वी-क्लब ने सामूहिक विवाह के दौरान सभी वर पक्ष को ठहराने के बेहतर इंतजाम जहां किए थे। वहीं बेटियों के पक्ष को प्रथक से स्थान दिया गया था। बारात मंदिर प्रांगण कुंडेश्वर धाम में निकाली गई। इस दौरान पांच दूल्हें अपने बारातियों के साथ बारात निकालते हुए मंदिर के समीप बनी धर्मशाला आए। द्वारा पर कलश लिए कन्या पक्ष की महिलाओं ने दूल्हा की अगवानी की और स्वागत किया। टीका के पश्चात बारात मंडप में लाई गई। जहां मंच पर जयमाला सहित अन्य नेंगचार विधि विधान के साथ संपन्न कराए गए।  एक ओर पंडाल में जहां मंत्रों का उच्चारण विद्वान पंडितों द्वारा किया गया, वहीं दूसरी ओर महिलाओं ने मंगल गीत गाकर विवाह की खुशियों में चार चांद लगा दिए। यहां मंच पर महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष विभा श्रीवास्तव, नगर पालिका टीकमगढ़ नेता प्रतिपक्ष व पार्षद अभिषेक खरे रानू, राकेश सोनी, नंद किशोर दीक्षित सहित अनेक नागरिक मौजूद रहे।

*बिना शासन के सहयोग के किया आयोजन-*

वी-क्लब की महिलाओं ने 14 दिसम्बर को  पांच बच्चियों का विवाह रचने का एक अनुकरणीय प्रयास किया हैं। बताया गया है कि इस आयोजन में शासन से किसी प्रकार की राशि नहीं ली गई है। यह आयोजन पूरी तरह से जन सहयोग पर निर्भर रहा। इस आयोजन में वी-क्लब की सदस्यों ने जमकर रूचि दिखाई। विवाह के दौरान कन्याओं को फर्नीचर, बर्तन, कपड़े एवं जेवरात आदि दिए गये।  इतना ही नहीं वर और कन्या के साथ आने वाले सदस्यों के भोजनादि की व्यवस्था वी-क्लब की सदस्यों ने की। विवाह के दौरान लाईट, बिजली, डीजे, घोड़ा सहित अन्य सामग्री भी संगठन द्वारा जुटाई गई।

*महिलाओं द्वारा विवाह का पहला आयोजन-*

शहर में यूं तो अनेक सामूहिक विवाह के आयोजन किए गए। लेकिन कदाचित यह अपने तरीके का यह पहला आयोजन है। इस आयोजन की समूची जिम्मेदारी वी-क्लब की महिलाओं ने उठाई। शहर में महिलाओं द्वारा इस तरह का यह पहला आयोजन है, जिसकी लोगों ने मुक्त कंठ से सराहना की है। वी-क्लब की अध्यक्ष रूचि राजा परमार, सचिव रश्मि निरंजन सहित अन्य महिला सदस्यों ने अतिथियों सहित वर-वधु और बारातियों के स्वागत में किसी प्रकार की कमी नहीं छोड़ी। बीजेपी नेता एवं कार्यक्रम के अतिथि अभिषेक खरे रानू ने कहा कि निश्चित ही कार्यक्रम सराहनीय रहा। समाजसेवी महिलाओं ने बिना शासकीय सहयोग के इस तरह का आयोजन कर दिखाया, जो अभूतपूर्व रहा। उन्होंने सफल आयोजन के लिए सभी महिला सदस्यों को बधाई दी।

*पहला प्रयास था, आगे और भव्य होगा आयोजन-*

वी-क्लब संगठन ने यहां पहली बार सफलता पूर्वक सामूहिक विवाह का आयोजन किया, जिसके लिए सभी सदस्य बधाई की पात्र हैं। यह बात यहां समिति की अध्यक्ष रूचि राजा परमार ने कही। उन्होंने कहा कि आज 14 दिसम्बर 2023 को तीर्थ स्थली कुंडेश्वर में सामूहिक कन्या विवाह का सफल आयोजन करने में अनेक सदस्यों का सहयोग रहा। पुलिस प्रशासन का सहयोग भी सराहनीय रहा। प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वालों के प्रति संगठन धन्यवाद ज्ञापित करता है।  सचिव रश्मि निरंजन ने बताया कि गुरूवार 14 दिसम्बर संगठन द्वारा आयोजित कन्या विवाह के दौरान वर-वधु पक्ष के लोगों ने भी व्यवस्थाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह पहला प्रयास था, इसमें जो कमियां रहीं होंगी, उनमें सुधार लाने के साथ ही आने वाले समय में और भी बेहतर आयोजन कर अधिक से अधिक बेटियों के विवाह संपन्न कराने का
प्रयास किया जाएगा।

*...और जब हुई विदाई देख आंखे नम*

अध्यक्ष रूचि परमार ने बताया कि सारा आयोजन हंसी खुशी से हुआ, लेकिन हमेशा की तरह जैसे ही विदाई की घड़ी आई कि विदाई देख संगठन की महिलाओं सहित बेटियों के परिजनों व अन्य मौजूद लोगों की आंखे भी नम हो गईं। बेटियों को नम आंखों से विदा किया गया। उन्हें संगठन में विदाई के दौरान भरपूर सामान दिया और एक बेटी की तरह की विदा किया। विवाह कार्यक्रम में अनाथ आश्रम से आई एक बच्ची भी शामिल रही। कार्यक्रम को सफल बनाने में वी-क्लब की अध्यक्ष सुश्री रूचि राजा परमार, सचिव श्रीमती रश्मि निरंजन, कोषाध्यक्ष सुजाता जैन, शिवानी खेवरिया रीजनल कॉॅ-आर्डीनेटर सहित सदस्य रोशनी चतुर्वेदी, सुमन साहू, सीमा नुना, स्मृति अग्रवाल, निहारिका, अंजलि जैन, दीप साहू, रजनी रावत, अनु भामरी आदि के नाम शामिल रहे।